What Is Farz | फ़र्ज़ क्या है हिन्दी में
फ़र्ज़ का मतलब क्या होता है इसका छोड़ने वालों की सजा इनकार करने
वालों की सज़ा के बारे में
What Is Farz | फ़र्ज़ क्या है हिन्दी में
इसका करना जरूरी और बेगैर किसी उजरे (कारण )कि इसकी छोड़ने वाला,
फासिक और जहन्नमी और इंकार करने वाला काफिर है
फ़ासिक क्या है? और मतलब
फ़ासिक वो शख्स है जो अल्लाह (रब , यानि ईश्वर ) की बात न मानने वाला,
जैसे :-पापी, गुनहगार,झुटा
जैसे:- नमाज, रोजा, हज व जकात वगैरा
फर्ज की दो -2 किस्में है एक फ़र्ज़ ऐन, और दूसरा फर्ज ए किफाया
फ़र्ज़ ऐन
- 1. फ़र्ज़ ऐन वह है जिसका अदा करना हर आकील व बालिग मुसलमान पर जरूरी है
जैसे:- पांचों वक्त की नमाज वगैरह और दूसरा
फ़र्ज़ ए किफ़ाया
- 2. फ़र्ज़ ए किफ़ाया है जिसका अदा करना हर एक पर जरूरी नहीं
और अगर एक भी शख्स अदा ना करें तो सब गुनहगार होंगे
जैसे:- नमाजे जनाजा, नमाजे जनाजा अगर किसी एक शख्स ने भी पढ़ ली तो सब बरीउजिम्मा हो गए
और अगर एक भी ना पढे तो सब गुनहगार होंगे
वाजिब क्या है ( What Is Wajib )
What Is Wajib (वाजिब क्या है ) वाजिब वो है जो शरीयत के जन्नी दलील से साबित हो
इसका करना जरूरी है और इसका बिला किसी तावील और बेगैर किसी उज्र के छोड़ने वाला फासिक और और अज़ाब का मुस्तहिक है
लेकिन इसका इनकार करने वाला काफिर नहीं बल्कि गुमराह व बदमज़हब हैं
हमे उम्मीद है की आप नमाज़ का तरीका What Is Farz ( फ़र्ज़ क्या है हिन्दी में)और
फ़र्ज़ के साथ साथ वाजिब का मतलब भी जानने को मिल होगया अगर आपको ये पोस्ट
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अस्सलामु अलैकुम अल्लाह हाफ़िज़