सुरह फतेहा हिंदी में

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 Surah fateha in hindi   सुरह फतेहा कि दुआ  सुरह फतेहा हिंदी में 
सुरह अल-फ़ातिहा (अरबीسورة الفاتحة‎)   शुरू "आरम्भ्,"  इस्लाम की पवित्र ( पाक )ग्रन्थ क़ुरान का पहला सुरह या अध्याय है। इसमें 7 आयत  हैं। इसमें ईश्वर यांनी अल्लाह के निर्देश एवं दया हेतु प्रार्थना की गई है। इस अध्याय का खास महत्व है, दैनिक प्रार्थना के आरम्भ में बोला जाने वाला सूरा है यह सूरह हज़रत मुहम्मद सलाह अले वस्सलाम के दौर में तब नाज़िल हुई थी जब वो मक्का में थे।


सूरेह फातिहा बहुत ज़रूरी सूरह है और हर नमाज़ में पढ़ी जाती है इसके बिना नमाज़ नहीं होती।
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सूरह फातिहा हिंदी में टेक्स्ट

बिस्मिल्लाहि र-रहमानि र-रहीम   अल्हम्दुलिल्लहि रब्बिल आलमीन

अर रहमा निर रहीम   मालिकि यौमिद्दीन

इय्याक न अबुदु व इय्याका नस्तईन   इहदिनस् सिरातल मुस्तक़ीम

सिरातल लज़ीना अन अमता अलय हिम  गैरिल मग़दूबी अलय हिम् व लद दाालीन (आमीन)

चारो क़ुल शरीफ 

सूरह फातिहा तर्जुमा

सब तारीफ उस अल्लाह के लिए है जो सारे जहान का मालिक है।

बहुत मेहरबान निहायत रहम वाला है।   इंसाफ के दिन का मालिक है।

हम तेरी ही  इबादत करते हैं और तुझी से मदद चाहते हैं।

हमें सीधा रास्ता दिखा।

उन लोगों का रास्ता जिन पर तूने  फ़ज़ल किया।

उनका रास्ता नहीं जिन पर तेरा गजब नाज़िल  हुआ और न उन लोगों का रास्ता जो रस्ते से भटक गए।


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