तशहहुदया या अत्तहियात क्या है - attahiyat dua in hindi | attahiyat full in hindi

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तशहहुदया या अत्तहियात  क्या है - attahiyat dua in hindi | attahiyat full in hindi- attahiyat surah

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 उम्मीद करते हैं कि आप नमाज पढ़ते होंगे ! लेकिन क्या आपने कभी गौर किया कि अत्ताहियात जोहर नमाज में पढ़ते हैं उसकी शुरुआत कैसे हुई कहां से हुई और उसका क्या मतलब होता है

इस आर्टिकल में हम आपको ( attahiyat dua in hindi ) अत्तहियात  से जुड़ी सारी जानकारियां हम आपको देंगे इस आर्टिकल को लास्ट तक जरूर पढ़ें



  • तशहहुदया अत्तहियात क्या है


Tashabuddin yad kya hai-  तशहहुदया का मतलब होता है अल्लाह और उसके रसूल के दरमियान की गुफ्तगू ( kalam )


एक तरह से गवाही देना ईमान की और उसी गवाही को अत्तहियात कहा जाता है

नमाज में जब कोई शख्स नमाज की दूसरी रकात या चौथी रकात में नमाज की हालत में जब बैठता है तो इसी दुआ को पढ़ी जाती है और इस दुआ में अल्लाह की बढ़ाई बयान करता है और अल्लाह के नबी और अल्लाह के नेक बंदों पर सलामती का दुआ  भेजा जाता है और दो गवाही देता है वही  तशहहुदया या अत्तहियात कहलाता है


  • अत्तहियात कैसे वजूद हुई


अल्लाह ताला ने जब हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो वाले वसल्लम को मुलाकात के लिए मेराज पर बुलाया

तो जब अल्लाह के रसूल मिराज पर गए और अल्लाह से मुलाकात के लिए हाजिर हुए 

 तो मुलाकात के वक्त रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम अल्लाह से सलाम ना करते हुए यह ये फरमाया 


अत्तहियातु- लिल्लाही व स्सलवातू  व त्तय्यिबातु 

तमाम बोल से अदा होने वाली और बदन से अदा होने वाली तमाम में इबादत ए अल्लाह के लिए है


💚इस पर अल्लाह ताला ने जवाब दिया


अस्सलामु अलैक अय्योहन न्नबी

व रहम तुल्लाही व बरका तुह


जिसकी हिंदी में तर्जुमा है :- सलामती हो तुम पर या नबी और रहमत और बरकत हो


💗फिर नबी ने फरमाया

अस्सलामु अलैना व आला इबादिल्लाही स्सा लिहीन



जिसकी हिंदी में तर्जुमा है :- सलामती हो हम पर और अल्लाह आपके  नेकबंद पर 


💜यह सब हुआ क्या फरिश्तों ने सुना और सब फ़रिश्ते सुनकर उन्होंने इस कलमे से गवाही दी


अश हदू अल्ला इलाह इलल्लाहु

व वशहदू अन्ना मोहम्मद न अब्दुहु व रसुलुह.


जिसकी हिंदी में तर्जुमा है :- हम गवाही देते हैं कि अल्लाह के सिवा कोई इबादत के

लायक नहीं और हम गवाही देते हैं कि हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम अल्लाह के नेक बंदे

और रसूल है




 

अत्तहियातु- लिल्लाही व स्सलवातू  व त्तय्यिबातु 

अस्सलामु अलैक अय्योहन न्नबी

व रहम तुल्लाही व बरका तुह

अस्सलामु अलैना व आला इबादिल्लाही स्सा लिहीन

अशहदू अल्ला इलाह इलल्लाह

व वशहदू अन्ना मोहम्मद न अब्दुहु व रसुलुह


अत्ताहीयत तर्जमा हिन्दी

तमाम या इबादत अल्लाह के लिए है और तमाम नमाजे और अच्छी बातें भी अल्लाह के लिए है आप पर सलाम हो ये अल्लाह कि नबी (सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम ) और अल्लाह की रहमत है और उसकी बरकते नाज़िल हो हम पर भी सलाम हो और अल्लाह के सभी नेकबंद पर भी सलाम, मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं  ( पूजने के लाइक नहीं ) और गवाही देता हूं कि मुहम्मद ( सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम ) उसके बंदे और सच्चे रसूल हैं



तुम मेरे अजीज दोस्तों अल्लाह ताला ने हम रसूले करीम सल्लल्लाहो ताला वसल्लम के जरिए कितनी है अहम दुआ आता किया है

अत्ताहियात जोहर नमाज में पढ़ते हैं आप लोग थोड़ी सी मेहनत करके ज्यादा से ज्यादा इस खूबसूरत दुआ को शेयर करें ताकि सभी मुसलमान इस द्वार का मतलब जान सके और वह याद कर सके 




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