दो साजदों के दरमियान पढ़ी जाने वाली दुआ | मतलब | फायदे - Do Sajdon ke darmiyan wali dua hindi

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दो साजदों के दरमियान पढ़ी जाने वाली दुआ | मतलब | फायदे 
Do Sajdon ke darmiyan wali dua hindi




  और ये दुआ हमे कहा से मिला कैसे मिला इसके फायदे क्या हैं इसको अगर हम दो साजदों के बीच नहीं पढे तो क्या होगा और इस दुआ का मतलब क्या होता हैं 2 सजदों के दरमियान पढ़ी जाने वाली दुआ के बारे में जानने से पहले हमें यह जानना जरूरी है की दुआ हमें कहां से मिली और कैसे मिली तो उसके लिए मैं आपको एक हदीस (hadees) सुनाने की कोशिश करता हूं जिससे आपको अंदाजा मिल जाएगा कि यह दुआ कहां से मिला और कैसे मिला और इसके पढ़ने के फायदे क्या है और नहीं पढ़ते हैं तो क्या होगा 

 दोस्तों ! जैसा कि अबू दाऊद हदीस  ابودؤد (874 ) )  हजरत खदीजा रजि अल्लाहु ताला अन्ह से रिवायत हैं है कि उन्होंने रसूल अल्लाह सल्लल्लाहो ताला वसल्लम को रात में नमाज पढ़ते हुई देखा आप कहते थे अल्लाह हू अकबर तीन बार उसके बाद सना पढ़ने से पहले यह दुआ पढ़ते थे ( ذُو الْمَلَكُوتِ وَالْجَبَرُوتِ وَالْكِبْرِيَاءِ وَالْعَظَمَةِ )  

ज़ूल मलकुति वल जबरुती वल किबरिया -इ वल अजमती



जिसका तर्जमा हैं :

 अल्लाह सबसे बड़ा है कामिल मिल्कियत वाला गलबे वाला बढ़ाई और अजमत वाला 
 फिर आपने सना पढ़ी सूरह बकरा की कीरत की फिर रुको किया और आपका रुकू आपके कयाम जैसा था । 
आप रुको मैं यह दुआ पढ़ते थे 
(सुबहान रब्बीयल आला )फिर रुकू से सर उठाया आपका क्याम पहले केयाम की मानिंद लंबा था। 
 और आप यहां पढ़ते थे ( रब्बील ह्म्द ) इसका मतलब है " मेरे रब की हम्द है"
 फिर सजदा किया तो आपका सजदा भी आपके केआम की मानिंद था। 
 और आप सजदे में कहते थे ( सुबहान रब्बिल आला ) " Subhan Rabbiyal Aa'la"
 तर्जमा : पाक मेरा रब जो सबसे बुलंद व बाला है 
 फिर आपने सजदे से सर उठाया और उस सजदे के दरमियान बैठे इतनी देर की जितनी देर मे इस दुआ को पढ़ सके 

Do sajdon ke darmiyan ki dua In arabic, hindi, english

रब्बी ग्फिरली
 رَبِّ اغْفِرْلِيْ، رَبِّ اغْفِرْلِي

اے میرے رب! مجھے معاف کردے۔


 उस दौरान आपने 4 रकात नमाज़ पढ़ी और उनमें सूरह बकरा और इमरान और सूरह निसा और सूरह मायदा या कुरान की तिलावत की 
तो कहने का जो मतलब है  वो यही दुआ जो 2 सजदों के दरमियान पढ़ी जाती है 

      ( رَبِّ اغْفِرْلِيْ، رَبِّ اغْفِرْلِي)  اے میرے رب! مجھے معاف کردے۔

रब्बी ग्फिरली

 जिसका तर्जुमा है    ए मेरे रब मुझे माफ कर दे


सजदे की दुआ 

Sajde ki Dua Hindi mein

सुबहान रब्बिल आला 

तर्जमा :-  पाक है मेरा रब जो सबसे बुलंद है 

Sajde ki dua arabic, urdu, english


سُبْحَانَ رَبِّيَ الْعَظِيْمِ
پاک ہے میرا رب عظمت والا۔


Subhan Rabbiyal Aa'la ( Pak is my lord who is the highest )


तशहुद और दरूद व सलाम


अत्ताहीयत हिन्दी टेक्स्ट ( attahiyat hindi mein )





अत्तहियातू लिल्लाहि व स्सलवातू व तय्यिबातू अस्सलामु अलैक अयौहन्नबी व रहमतुल्लाही

व बरकातहू

अस्सलामु अलैना व आला इबा दिल्लाही स्सालिहीन अशहदु अल्ला इलाहा इलल्लाहु

व शहदू अन्ना मोहम्मदन अब्दुहु व रसूलूह

अत्ताहीयत तर्जुमा हिन्दी  (Attahiyat tarjuma hindi )

तर्जमा:- मेरी तमाम कौलि और फली और माली इबादतें अल्लाह ही के लिए है ए नबी आप पर

सलाम

हो और अल्लाह की रहमत और उसकी बरकत हो हम पर और अल्लाह के दिगर नेक बंदों पर

भी सलाम

हो मैं गवाही देता हूं कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं और मैं गवाही देता हूं कि मोहम्मद

सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम उसके बंदे और उसके रसूल है


दरूद इब्राहिमी हिन्दी ( Darud e Ibrahimi hindi mein )






अल्लाहुम्मा सल्ले अला मोहम्मदीन वाला आले मुहम्मद. कमा सल्लैत अला अब्राहिम व आला

आलि इब्राहिम इन्नक हमईदुम मजीद


 अल्लाहुम्मा बारिक अला मोहम्मदीन व आला आालि मोहम्मदिन कमा बारक्त अला इब्राहिम व अला आलि इब्राहिम

इन्नक हमईदुम मजीद


तर्जमा:- ये अल्लाह रहमत नाजिल फरमा मोहम्मद ( सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ) पर और आले

मुहम्मद ( सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम ) पर जैसे तूने रहमत नाजिल फरमाई इब्राहिम पर और आलि इब्राहिम पर यकीनन तू काबिले तारीफ बड़ी शान वाला है,

ये अल्लाह बरकत नाजिल फरमा मोहम्मद ( सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ) पर और आले मुहम्मद

( सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ) पर जैसे तूने बरकत नाजिल फरमा ई इब्राहीम और आले इब्राहीम

पर यकीन तो काबिले तारीफ बड़ी शान वाला है।

दुआ ए मासूरह हिन्दी ( Dua e Masurah hindi text mein )





अल्लाहुम्मा इन्नी जलमतू नफ्सी जुल्मन कसीरा वला यग्फिरुजुनूब इल्ला अंता फ़ग्फ़िरली

मगफिरतम मिन इन्दीक वरहमनी इन्नक अंतल गफूरू र्रहीम

दुआ ए मासूरह हिन्दी तर्जुमा ( Dua e Masurah hindi tarjuma  mein)

तर्जमा:- ये अल्लाह इसमे कोई शक नहीं मैंने अपनी जान पर बहुत ज्यादा जुल्म किया और तेरे सिवा कोई गुनाहों को माफ नहीं कर सकता पस तू अपने खास बख्शीश से मुझे माफ फरमा दे और मुझ पर रहम फरमा यकीनन तू बहुत बख्शने वाला इंतहाई मेहरबान है

अल्लाह हम सब को इन सब दुआ को याद करने और उस पर अमल करने की तौफीक आता फरमाए "आमीन"

और हम सब को पंजवक्ता नमाज़ पढ़ने की तौफीक अता फरमाए आमीन।

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अल्लाह हाफ़िज़



























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