हिलाने से पहले ये सुनलो - हिलाना भूल जाओगे

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हिलाने से पहले ये सुनलो -  हिलाना भूल जाओगे 
hilane se pahale ye kahani sunlo barahmachary story  in hind

https://youtu.be/lSUjN1IrSe8
ब्रह्मचर्य नष्ट करते हो ये कहानी सुनो


 किसी गांव में एक लड़का रहता था

और एक दिन वह अपने गलत गंदे दोस्तों के चक्कर में फस जाता है। और गलत आदतों का शिकार हो जाता है


उसकी उम्र लगभग 20 साल थी

उम्र तो बढ़ रही थी लेकिन उसका शरीर नहीं बढ़ रहा था

दिन पर दिन उसकी हालत खराब होती जा रही थी

जवानी में ही उसका शरीर किसी बूढ़े व्यक्ति समान हो गया

उसके घरवाले उसके यह हाल देख देख कर और उसके भविष्य के बारे में सोच सोच कर बहुत चिंतित रहते थे और एक दिन वह

उस लड़की को किसी अच्छे से वैध के पास लेकर गए

वैध ने उस लड़की के शरीर में प्रोटीन और विटामिन की भारी कमी बताई


और कुछ दवा देके

उन बाप बेटों को वापस भेज दिया

प्रोटीन और विटामिन लेने के बाद भी उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ

और धीरे-धीरे यह बात पूरे गांव में फैल गई

तभी गांव के  किसी बुजुर्ग ने उस लडके का हाल देखा

और लड़की से काफी देर तक बातचीत भी की बातचीत करने के बाद

बुजुर्ग ने लड़के कि पिता को 

अकेले में ले जाकर समझाया और कहा

कि तुम्हारे बेटे को  बरहम चार नष्ट करने की लत लग चुकी है और यह लत

दुनिया के सबसे खतरनाक लत है

अगर समय रहते इस लत से छुटकारा नहीं दिलाया

तो तुम अपने बेटे को खो दोगे

अगर  इसे बचाना चाहते हो

 तू इसे । किसी ऐसे साधु संत के पास ले जाओ

जिसने अखंड ब्रह्मचारी रहने का संकल्प लिया हो

वही तुम्हारे बेटे को समझा सकते हैं

और इसके चित्र को बदल सकते हैं 


दो आदमी घर आया और अपनी लड़की से पूछा कि बेटा तुम सच सच बताना ब्रह्म मच्छर नष्ट करते हो या नहीं

उस लड़के ने कहा कि पिताजी आपसे किस वेद ने ऐसा कहा कि मैं ब्रह्म्मचर नष्ट करता हूं पिताजी बोले बेटा वैद्य ने नहीं बल्कि हमारे गांव के सबसे अन्हवी बुजुर्ग

रामू काका ने कहा 

फिर लडके ने कहा 

पिता जी आप भी ना किसकी बातों में आगए

उनकी उम्र 90 साल है

और बुढ़ापे में उनका दिमाग काम नहीं कर रहा है

किसी के भी बारे में कुछ भी बोल देते हैं

बुढ़ापे में स्टिया गए है 

आप उनके बातों पर विश्वास न करे ऐसा कुछ नहीं है

और इतना कह कर वो वहां से अपने कमरे में चला गया

लेकिन पिता जी को उसकी बातों पे विश्वास नहीं हो रहा था

क्योंकि उसका शरीर ब्रहम्मचर नष्ट करने की गवाही दे रहा था

पिता जी ने फिर

बेटे की रूम की तलाशी ली 

रूम में जातेही एक अजीब सी गंध आरही थी और कुछ ऐसी अस्लिल चीजें मिली जिसे देखने के बाद पिता जी के होश उड़ गए

पिता जी ने कहा बेटा ये सब चीजें किस लिए

तुम्हारी तो अभी शादी भी नहीं हुई

फिर ये इतनी सारी अस्लील चीजें

किस लिए

पिता जी का गुसा बढ़ता जा रहा था

बेटे ने कहा ये सारी चीज़ें मेरी नहीं है 

मेरे दोस्त कि हैं

पिता जी चिल्ला कर बोले तो सारी असलिल चीजें ये तुमने अपने दोस्त से क्यों कि 

बेटा पिता जी का सवाल का उचित जवाब ना दे सका

लेकिन फिर भी पिता ने बेटे पर हाथ ना उठाया

और प्यार से समझने की कोशिश की और कहा 

की देखो बेटा में  जन्म कि  संगी हूं करम का नहीं

तुम जैसा कर्म करोगे वैसा ही तुम्हारा भविष्य बनेगा

इस गंदी गलत आदत से तुम्हें जीवन में कुछ भी हासिल नहीं होगा 

तुम्हारे शरीर के बिमारी का प्ता लगाने की चक्कर में


मेरे ऊपर लाखों रुपए का कर्ज हो गया

तुमने मुझे कहीं का न छोड़ा

तुमने मेरे और अपने सपनो पे पानी फेर दिया

और इतना कह कर बाप के आंखो से आंसू छलकने लगे

पिता का चेहरा देख कर बेटे ने कहा पिता जी में वादा करता हूं में आप से कि जब तक मेरी शादी नहीं होती

तब तक ब्रह्म्मचार नाश नहीं करूंगा 

और अपने पिता से वादा करने के बाद

वह एक महीना तक ही अपने आपको जैसे तैसे रोक पाया 

और फिर से ब्रह्ममचर का नाश करने लगा

तभी उस गांव में एक साधु आए जो अखंड ब्रह्माचारी थे जब उस आदमी को इस बात का पता चला तो वह तुरंत उस शाधू के पास पहुंचा 

और अपनी समस्या बताने लगा और कहा साधु जी मेरा बेटा पिछले 7साल

से 

ब्रह्ममचार नष्ट का रहा है कृपया आप उस सही रास्ता दिखाएं

और उस बचाए 

साधु जी ने उस बात को सुना 

और कहा कि आप अपने बेटे को कल सुबह बगीचे में लेकर आइए 

और वहीं पर में आप को उपाय बताऊंगा

अगले दिन सुबह पिता पुत्र

बगीचे में पहुंच गए

महात्मा बेटे से बोले आइए हम दोनों बगीचे के शैर करते हैं और वो धीरे धीरे आगे बढ़ने लगे  चलते चलते महत्मा जी अचानक रुके और बेटे से कहा 

क्या तुम इस छोटे से पौधे को उखाड़ सकते हो 

जी हां इसमें कौनसी बड़ी बात है 

और ऐसा कहते ही बेटे ने आसानी से पौधे को उखाड़ दिया फिर भी  आगे बढ़ गए

और थोड़ी देर बाद महत्मा जी ने थोड़े बड़े पौधे कि तरफ इशारा करते हुए कहा क्या तुम इसे भी उखाड़ सकते हो 

बेटे को तो मानो इं सब कितना मज़ा आरहा हो और तुरंत पौधा उखाड़ ने लग गया और इस बार उस थोड़ी मेहनत लगी 

पर काफी समय के बाद  उसने इसे भी उखाड़ दिया 

वे फिर आगे बढ़ गए और कुछ देर बाद फिर दोबारा महत्मा जी  एक गुड़ैल के पेड़ की तरफ इशारा करते हुए कहा क्या तुम इसे भी उखाड़ सकते हो 

बेटे ने पेड़ का तना पकड़ा और उसे जोर जोर से खीचने लगा 

पर पेड़ तो हिलने का नाम ही नहीं ले रहा था 

जब बहुत प्रयास करने सब भी  पेड़ तास से मस नहीं हुआ तो बेटा बोला अरे ये तो बहुत मजबूत है इसे

उखाड़ना मुश्किल है फिर महत्मा जी ने उसे प्यार से समझते हुए कहा बेटा ठीक ऐसा ही बुरी आदतों के साथ होता है 

जब भी नई होती हैं तो उन्हें चोधना आसान होता है

पर  वे जैसे जैसे पुरानी होती जाती है तो उन्हें चड़ना बहुत मुश्किल हो जाता है

बेटा उनकी बात समझ गया और उसने ये प्रंटन क्या पढ़ लिया 

कि आज के बाद वह कभी भी गंदी गलत आदतों का शिकार नहीं बनेगा 

कभी भी ब्राह्ममचर श्ट नहीं करेगा । 



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