मस्नून दुआएँ। All Dua Tarjume ke sath | Masnoon Duayen

0

 मस्नून दुआएँ। All Dua Tarjume ke sath | Masnoon Duayen

Har tarah ki dua मसनून दुआएं

इस आर्टिकल में आपलोग हर तरह के मसनूनदुआएं तर्जुमे का साथ जानने को मिलेंगे इंशा अल्लाह अगर आर्टिकल पसंद लोगो के पास शेयर ज़रूर करे

सोते वक्त यह दुआ पढ़े

अल्लाहुम्म बिसमिक अमृतु व अहया

तरजमा ऐ अल्लाह मैं तेरा नाम लेकर मरूँ और तेरा नाम लेकर जिन्दा रहूँ।

(बुख़ारी व मुस्लिम शरीफ़)

इसके बाद ३३ बार सुब्हानल्लाह ३३ बार अल्हम्दुलिल्लाह और ३४ बार अल्लाहु अकबर और एक बार सूरए अख्लास और कुल या अय्युहल्काफिरुन इसके बाद तीन मरतबा यह


अस्तरिफरुल्लाहल्लज़ी ला इला ह इल्ला हुवल हय्युल्क़य्यम व अतूबु इलैहि

(मिश्कात व बुखारी शरीफ़)

जब नींद से हो तो पढ़

अल्हम्दु लिल्लाहिल्लज़ी अहयाना बाअद मा अमा तना व इलै हिन्नुशूर

तर्जुमा सब खूबियाँ उस अल्लाह के लिए हैं जिसने हमको जिन्दा क्या बाद मौत देने के और उसी की तरफ जाना है।

बैतुलखला (पाखाना) जाते वक़्त दुआ

अल्लाहुम्म इन्नी अऊजु बि मिनल्खुसि वल्खबाईस

तर्जुमा अल्लाह मै तेरी पनाह मांगता हूँ ख़बीस जिन्नों khबीसा जिन्नियों से। (सहीह बुखारी जिल्द २ सफहा ९३६) ।


गुफरा न कहे इस के बाद से बाहर निकला यह दआ पढे

अल्हम्दु लिल्लाहिल्लज़ी अज़्ह बअनिल अज़ा व आफ़ानी

तर्जुमा यानि सब तारीफें उस अल्लाह के लिए जिसने मुझसे ईज़ा देने वाली चीज दूर किया और मुझे आफ़ियत दी। बाद नमाज



बाद नमाज़ फर्ज यह दुआ पढ़े

बास्मल्लाहिल्लज़ी ला इलाह इल्ला

हु वर्रहमा नुर्रहीमु अल्लाहुम्म अज़्हब अनि अल्लाहुम्म वल हुजन

 

 

तर्जुमा मैंने अल्लाह के नाम के साथ नमाज़ पूरी की जिस के सिवा कोई मअबूद नहीं और जो रहमान व रहीम है : अल्लाह तू मुझसे फिक्र व ग़म को दूर कर दे। फिर तीन 8 मरतबा अस्तरिफ़रुल्लाह कहे।

(मुस्लिम शरीफ़)


वित्र की नमाज परी करके तीन बार पढ़े

सुब्हानल मलिकिल कुद्स (कुद्सर खूब खींचे )


तर्जुमा पाकी बयान करता हूँ मैं उस बादशाहे हक़ीक़ी की जो बहुत ज्यादा पाक है। (हिस्ने हसीन)

घर से बाहर निकलते वक्त पढ़े

बिस्मिल्लाहि तवक्कल्तु अलल्लाहि लाहोल वला कुव्वत इल्ला बिल्लाहि


तर्जुमा मैं अल्लाह का नाम लेकर निकला मैंने अल्लाह पर भरोसा किया गुनाहों से बाज़ रहने और इबादत करने की ताकत अल्लाह ही की तरफ़ से है।

घर में दाखिल होते वक्त यह पढ़े

अल्लाहुम्म इन्नी अस्अलु क खैरल्मौलिजि व खैरल्मख रिजि बिस्मिल्लाहि व लज्ना व लिल्लाहि तवक्कल्ना


तर्जुमा ऐ अल्लाह मैं तुझ से सवाल करता हूँ अच्छे दाखिल होने और बेहतर निकलने का अल्लाह के नाम से दाखिल हुये और हम ने अल्लाह पर भरोसा किया। फिर घर वालों को सलाम करे। (मिश्कात शरीफ़)

बाज़ार में दाखिल हो तो यह पढ़े

ला इला ह इल्ला हु वदहु ला शरीक लहु लहुल्मुल्कु व लहुल्हम्दु युयी व युमीतु व हु व हय्युल्ला यमतु बि यदिहिल्खैरु वहुव अला कुल्लि शैइन क़दीर

तर्जुमा अल्लाह के सिवा कोई माअबद नहीं वह तन्हा है उसका कोई शरीक़ नहीं। उसके लिए मुल्क है और उसके लिए हम्द। वही जिन्दा करता है और वही मारता है और वह खुदजिन्दा है उसे मौत न आयेगी उसी के हाथ में भलाई है वह हर चीज पर क़ादिर है।(मिश्कात शरीफ़)


खाना शुरू करते वक्त पढ़े

बिस्मिल्लाहि व अला बरकतिल्लाह

तर्जुमा मैंने अल्लाह के नाम से और अल्लाह की , बरकत पर खाना शुरु किया। अगर शुरु में बिस्मिल्लाह कहना bhu भल गया तो जब याद आये तो यह पढे


बिस्मिल्लाहि मिन् अव्वलिही व आख़िरिही .

तर्जुमा मैंने इस (खाने) के अव्वल व आखिर में अल्लाह का नाम लिया। (तिरमिज़ी)


खाने के बाद की दुआ

अल्हम्दु लिल्लाहिल्लज़ी अतअमना व सकाना वहदाना व जअलना मिनल्मुस्लिमीन


तर्जुमा तमाम खूबियाँ उस अल्लाह के लिये हैं जिसने हमें खिलाया और पिलाया और हिदायत दी और मुसलमान बनाया।

दाअवत के खाने में यह पढ़े

**अल्लाहुम्म अईम् मन् अतअमनी वस्कि मन सकानी र ***

तर्जुमा ऐ अल्लाह जिसने मुझे खिलाया तू उसे खिला और जिसने मुझे पिलाया तू उसे पिला। (तिरमीजी जिल्द २ सफहा १९५)


नया लिबास पहने तो यह दूआ पढ़े

* अल्हम्दु लिल्लाहिल्लज़ी कसानी मा उवारी बिही औरति व अ-तजम्मल बिही फ़ी हयाती

तर्जुमा सब तारीफें उस अल्लाह के लिये हैं जिसने मुझको कपड़ा पहनाया जिससे मैं अपनी शर्म की चीज़ छुपाता हूँ और

अपनी ज़िन्दगी में उससे खूबसूरती हासिल करता हूँ। (मिश्कात शरीफ)

आँखों में सुर्मा लगाते वक्त

अल्लाहुम्म मत्तिअनी बिस्समए वल्बसरि

तर्जुमा ऐ अल्लाह मुझे फायदा दे कान और आँख से

नया चाँद देखकर पढ़े

अल्लाहम्म अहिल्लह अलैना बिल युम्नि वलईमानि वस्सलामति वलइस्लामि वत्तौफ़ी कि लिमा तुहिब्बु व तरदा।

तर्जुमा ऐ अल्लाह तू हमारे ऊपर इस को बरकत और सलामती और इस्लाम के साथ और उन आमाल के साथ निकला हआ रख जो तुझे पसन्द है और जिनसे तू राज़ी है।

सफर का इरादा हो तो यह पढ़े

अल्लाहुम्म बिक असू लु व बि क अहूलु व बिक असीरू.

तर्जुमा ऐ अल्लाह मैं तेरी ही मदद से दुश्मनों पर हमला र करता हूँ और तेरी ही रहमत से उनके दफ़ा करने की तदबीर करता हूँ और तेरे ही फ़ज़्ल से चलता हूँ।

जब सवार होने लगे

किसी चीज पर सवार हो तो बिस्मिल्लाह

कहे और जब सवारी पर बैठ जाये तो

अल्हम्दु लिल्लाह कहे फिर यह पढ़े सुव्हानल्लज़ी सख़ ख र लना हाज़ा व मा कुत्रा लह मुकरिनीन

तर्जुमा अल्लाह पाक है जिसने इसको हमारे क़बज़ा में कर दिया और हम उसको कुदरत के बगैर इसको कब्जे में करने वाले न थे।

जब सफ़र में जाने लगे

अल्ला हुम्म इन्ना नस्अuलक फी सफरिना । । हाज़ल बिर वत्तकवा व मिनलअमलि मा तरदा० कलाकार Youtube Channel



तर्जुमा ऐ अल्लाह हम तुझसे इस सफ़र में नेकी और परहेज़गारी का सवाल करते हैं और तेरे पसंदीदा अमल की दरखास्त करते हैं।

स्टेशन पर उतरते वक्त पढ़े

अऊजु बि कलिमाति ल्लाहित्ताम्माति मिन शरि मा खल क़

तर्जुमा अल्लाह के पूरे कलिमात के साथ अल्लाह की पनाह माँगता हूँ उस की मkhलूक के शर से।

जब बस्ती या शहर में दाखिल हो तो __________तीन बार पढ़े

अल्लाहुम्म बारिक लना फी हा

तर्जुमा ऐ अल्लाह! तtu हमको इसमें बरकत दे।

इसके बाद

अल्लाहुम्मर जुक्ना जनाहा व हब्बिन्ना इला यह पढ़े अलिहा हब्बिब् सालिही अलिहा इलैना

तर्जुमा ऐ अल्लाह तू हमें इसके मेवे नसीब फ़रमा और यहाँ के रहने वालों के दिलों में हमारी मुहब्बत पैदा फरमा और यहाँ के नेक बन्दों की महुब्बत हमारे दिल में डाल दे।

वापसी पर यह दुआ पढ़े

आइबू न ताइ बू न आबिदू न लिरब्बिना हामिदून

तर्जुमा लौटने वाले है, तौबा करने वाले है, इबादत करने । वाले हैं, अपने रब की हम्द करने वाले हैं।

जब कोई नेअमत तो यह पढ़े

अल्हम्दु लिल्लाहिल्ल्ज़ी बि मिले नेअमतिही ततिम्मुस्सालिहात

तर्जुमा तमाम तारीफ़े उस अल्लाह के लि hai | jiski नेअमत से अच्छी चीजे मुकम्मल होती हैं।

गैर पसन्दीदा चीज़ पेश आने पर पढे

अल्हम्द लिल्लाहि अला कुल्लि हालिन


तर्जुमा हर हाल में अल्लाह तआला ताराफी का मुसतहिक़ है

अगर कोई चीज़ अच्छी लगे तो यह पढ़े

माशा अल्लाहु ला कव्वत इल्ला बिल्लाह

तर्जुमा जो कुछ अल्लाह ने चाहा कुव्वत व ताकत तरजमा सिर्फ अल्लाह की तरफ़ से है।

बीवी से सोह्कबत करने से पहले पढ़े

अल्लाहम-म जनिब नश् शैता न व बीबी से सोहबत जत्रिबिश शैता न मा रज़क्तना ।


तर्जुमाऐ अल्लाह दूर कर हम से शैतान को और

उस औलाद से जो तू मुझ को अता करे।

जब बुरा खाब देखे

अऊजु बिल्लाहि मिनश्शैतानिर्रजीम

तर्जुमा मैं अल्लाह की पनाह चाहता हूँ शैतान मरदूद से ।

मुसीबत या मौत के वक्त

इन्ना लिल्लाहि व इन्ना इलैहि राज़िऊन

तर्जुमा हम अल्लाह ही के लिए हैं और उसकी

जानिब लौट कर जाने वाले हैं।

जब कश्ती पर बैठे

बिस्मिल्लाहि मजरेहा व मुरसाहा इन-न रब्बी ल गफूर्रहीम

तर्जुमा अल्लाह के नाम से इस का जारी होना और रूकना । बेशक मेरा परवर दिगार मरिफ़रत और रहम करने वाला है।

नीयत एअतकाफ़

जब मस्जिद में नमाज़ पढ़ने की से दाखिल हो या मुसाफ़िर की हालत में

कयाम करना हो तो यह दुआ पढ़े

बिस्मिल्लाहि दखल्तु फीहि व अलैहि तवक्कल्त व नवैत सuन्नतल एअतकाफ़ि

तर्जुमा अल्लाह के नाम से दाखिल हआ और उसी पर भरोसा किया और नीयत की मैंने एअतकाफ़ सुन्नत की।

आईना देखकर पढे

अल्हम्दु लिल्लाहि अल्लाहुम् म कमा

हस्सन् त खल्की फ़हस्सिन खल्की

तर्जुमाऐ अल्लाह जिस तरह तूने मेरी ज़ाहिरी सूरत अच्छी बनायी इसी तरह मेरी आदत व सीरत भी अच्छी बना दे।

मुसाफह के वक्त दुआ

याफिरुल्लाह लना व ल कuम

तर्जुमा अल्लाह हमारी और तुम्हारी मग्फ़िरत करे।


मरीज़ को देखकर पढ़े

अल्हम्द लिल्लाहिल्लज़ी आफ़ानी मिम्मब्तला क बिही व फददलनी अला कसीरम मिम मन खलक तफ्दीला

तर्जुमा तमाम तारीफें रब के लिए है जिसने मुझको इस चीज़ से आफ़ियत में रखा जिस में तुझको मुन्तिला किया और अपनी मलूकात में से बहुत से लोगों पर मुझ को फ़ज़ीलत अता फरमायी। अल्लाह तआला इस दुआ की बरकत से दुआ र पढ़ने वाले को उस बीमारी में मुन्तिला न फरमायेगा।


 

नोट:- आशूबे चश्म, जुकाम और ख़ारिश यह दुआ न पढ़े क्योंकि इन बीमारियों से है बशते कि दरजए इफ़रात में न हो।


हर जरर से अमान मिले

बिस्मिल्लाहिल्लज़ी ला यदुरू म अ इस्मिही शै ऊन पी अदि व ला फिस्समा ए वहु वस्समी ऊल alim

तर्जुमा अल्लाह के नाम से शुरु जिसका नाम लेने से व आसमान में कोई चीज़ नुकसान नहीं पहुँचाती और वाला और जानने वाला है। इस दुआ को तीन बार पढ़े और अगर जहर भी खा लिया होगा तो उसका असर न होगा।

दुआ बराये हिफाज़त

अल्लाहु हफीजुन् लतीफुन् कदीमuन "अज़लीयुन् हय्युन क़य्युमुल्ला यनाम

तर्जुमा अगर कोई सूबह व शाम ग्यारह बार इस दुआ को पढ़े तो अमन में रहेगा और अल्लाह उसके माल में बरकत देगा इन्शा अल्लाह तआला।

 



एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)
To Top