नमाज का तरीका || Namaj ka Tarika

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नमाज का तरीका ||  Namaj ka Tarika


आईए सीखते है नमाज़

नमाज की शर्तें

( namaz ki sharten )

नमाज के कुछ शर्ते हैं जिनका पूरा किए बिना नमाज नहीं हो सकती या सही नहीं मानी जा सकती कुछ शर्तों का नमाज के लिए होना जरूरी है तो कुछ शर्तों का नमाज के लिए पूरा किया जाना जरूरी है तो कुछ शर्तों का नमाज पढ़ते वक्त होना जरूरी है नमाज के कुल शर्तें कुछ इस प्रकार है आईए बहुत ही आसानी के साथ जानते हैं (namaz ki shart hindi mein )


  1. बदन का पार्क होना
  2. कपड़ों का पार्क होना
  3. नमाज पढ़ने की जगह का पार्क होना
  4. बदन के सत्र का छुपा हुआ होना
  5. नमाज का वक्त होना
  6. किबल की तरफ मुंह होना
  7. नमाज़ की नियत यानी इरादा करना

ख्याल रहे कि पाक होना और साफ होना दोनों में फर्क है पाक होना शर्त है जबकि साफ होना शर्त नहीं जैसे बदन कपड़ा या जमीन ना पाकी चीजों से भरी हुई ना हो

धूल मिट्टी की वजह से कहा जा सकता है या कहा जाता है कि साफ नहीं है लेकिन पाक तो बहरहाल है ही है

 तो आइए समझते हैं नमाज की एक-एक शर्तों के बारे में (namaz ki kul sharten)

  • बदन का पार्क होना
  • कपड़ों का पार्क होना
  • नमाज पढ़ने की जगह का पार्क होना
  • बदन के सत्र का छुपा हुआ होना
  • नमाज का वक्त होना

नमाज पढ़ने के लिए बदन पूरी तरह से पाक होना जरूरी है बदन पर कोई नापाक की लगी नहीं होनी चाहिए बदन पर कोई गंदगी लगी हो या नापाकी लगी हो तो वजूद अवश्य करके नमाज पढ़नी चाहिए

नमाज पढ़ने के लिए बदन पर पहना हुआ कपड़ा पूरी तरह से पाक होना जरूरी है कपड़े पर कोई नापाकी लगी नहीं होनी चाहिएकपड़े पर कोई गंदगी लगी हो या नापाकी लगी हो तो कपड़ा धो लेना चाहिए या दूसरा कपड़ा पहन कर जो बादशाहो नमाज पढ़नी चाहिए

नमाज पढ़ने के लिए जिस जगह पर नमाज पढ़ी जा रही हो वह जगह पूरी तरह से पाक साफ होना जरूरी है जगह पर अगर कोई गंदगी लगी हो या नापाकी लगी हो तो जगह धोरी नहीं चाहिए या दूसरी जगह जो जगह पार्क हो उस जगह पर नमाज पढ़नी चाहिए (Namaz ka tarika HIndi mein)

नाक के नीचे से लेकर घुटनों तक के हिस्से को मर्द का शहर कहा जाता है यानी शर्मगाह नमाज में मर्द का यह हिस्सा अगर दिख जाए तो नमाज सही नहीं मानी जा सकती

कोई भी नमाज पढ़ने के लिए नमाज का वक्त होना बहुत जरूरी है वक्त से पहले कोई भी नमाज नहीं पढ़ी जा सकती और वक्त के बाद पढ़ी गई तो नमाज कजा नमाज मानी जाएगी।


  • किबल की तरफ मुंह होना

(Namaz hindi mein)

नमाज की बला रुक होकर पढ़नी चाहिए मस्जिद में तू इस बारे में फिक्र करने की कोई बात नहीं होती है लेकिन अगर कहीं अकेली नमाज पढ़ रहे हो तो किबला की तरफ मुंह करना याद रखें। (Namaz ki Niyat)


  • नमाज़ की नियत यानी इरादा करना

नमाज पढ़ते वक्त नमाज़ पढ़ने का इरादा करना जरूरी है

अब आईए नामज़ में सबसे जरूरी चीज़ को जानते हैं


वजू का तरीका

नमाज के लिए वजू शर्त है (wazu ka tarika hindi mein) वजू के बिना आप नमाज नहीं पढ़ सकते अगर पड़ेंगे तो वह सही नहीं मानी जाएगी

जानबूझ कर बिना वज़ू के पढ़ेंगे तो गुनाह के हकदार भी होंगे |

वजू का तरीका यह है कि आप नमाज के लिए वजू का इरादा करें और वजू शुरू करने से पहले ( बिस्मिल्लाह ) जरूर पढ़ें और कुछ इस तरह से  वजू करें


  1. कलाइयों तक हाथ धोएं
  2. कुली करें 
  3. नाक में पानी चढ़ाएं 
  4. चेहरा धोएं 
  5. दाढ़ी में  खिलाल करें 
  6. दोनों हाथ कोइनी तक धोए 
  7. एक बार सर का और कानों का मसह करें


मसह का तरीका यह है कि आप अपने हाथों को गिला करके एक बार सर और दोनों कानों पर फेर लें।  कानों को अंदर बाहर से अच्छी तरह से साफ करें 

8.दोनों पांव तक मुक्तक धोए


यह वजू का तरीका है इस तरीके से वजू करते वक्त हर हिस्सा कम से कम एक बार ज्यादा से ज्यादा तीन बार धोया जा सकता है लेकिन मसाह सिर्फ एक बार ही किया जाता है इससे ज्यादा बार किसी आज़ा को धोनी की इजाजत नहीं क्योंकि वह पानी की बर्बादी मानी जाएगी और पानी की बर्बादी करने से अल्लाह के रसूल ने मना फरमाया है अल्लाह के रसूल के बातों पर अमल करना हमारे और आप के लिए बेहतर हैं चलिए और कुछ जानने की कोशिश करते हैं |


गुस्ल का तरीका

अगर आपने अपनी बीवी शोहबत की है या फिर रात में आपको एहतलाम (Night Foll ) हुआ है या आपने लंबे अरसे से नहाया नहीं है तो ऐसी हालत में गुसल करना जरूरी हैं गुस्ल का तरीका कुछ यूं है (Gusl ka tarika hindi)


  1. दोनों हाथ कलाइयों तक धो धोएं
  2. शर्मगाह पर पानी डालकर अच्छे से धोए
  3. ठीक उसी तरह सारी चीजें जैसे वसूली करते हैं
  4. कुली कीजिए
  5.  नाक में पानी डालें
  6. और पूरे बदन पर सीधी और उल्टे जानी पानी डालें
  7. सर धोएं
  8. हाथ पांव धोए

यह गुस्ल का तरीका है याद रहे ठीक वजू की तरह हो असल में भी बदन के किसी भी हिस्से को ज्यादा से ज्यादा 3 बार ही धोया जा सकता है क्योंकि पानी का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करना इस्लाम में गैर पसंदीदा अमल मना गया है


नमाज की रकात

सुनती मुआकदा और फर्ज रकात

नमाज़ ए फज्र दो सुन्नत - दो फ़र्ज़      " टोटल चार रकात नमाज़ "
नमाज़ ए ज़ोहर चार सुन्नत - चार फ़र्ज़ दो सुन्नत       " टोटल चार रकात नमाज़ "
नमाज़ ए असर चार फ़र्ज़  "टोटल चार रकात नमाज़ "
नमाज़ ए मगरिब तीन फ़र्ज़ दो सुन्नत -    "टोटल पांच रकात नमाज़ "
नमाज़ ए इशा चार फ़र्ज़ दो सुन्नत    " टोटल छ रकात नमाज़ "

घबराइए नहीं आगे पढ़ें ?


नमाज़ ए वित्र (namaz witr) दरअसल रात की नमाज है जो तहज्जुद के साथ मिलाकर पढ़ी जाती है जो लोग रात को उठने की आदि ना हो वह वित्र की नमाज़ भी नमाज ईशा के साथ ही पढ़ सकते हैं

रसूलुल्लाह सल्लल्लाहू वसल्लम ने फरमाया

जिसे खतरा हो कि रात के आखिरी हिस्से में नहीं उठ सकेगा तो वह पहले ही  वित्र पढ़ लें मुस्लिम हदीस 555

वजाहत कोई हजरत यह ख्याल ना करें कि हमने नमाज की रकात तो को कम कर दिया है यानी फराइज और सुनतें मुआकदा गिनी है और नफ़ल छोड़ दिए हैं मुसलमान भाइयों को मालूम होना चाहिए कि नवाफिल नमाज़ अपनी खुशी और मर्जी की बात है

रसूलल्लाह सल्लल्लाहु ताला वसल्लम ने किसी को पढ़ने के लिए मजबूर नहीं किया इसीलिए हमें कोई हक नहीं है 



नमाज का तरीका

नमाज का तरीका (Namaz ka tarika) बहुत आसान है नमाज या तो 2 दो रकात की होती है या 3 रकात या 4 रकात की गौर करें 1 रकात में एक कयाम एक रुको और दो सजदे होते हैं नमाज का तरीका कुछ इस यूं है

नमाज के लिए किबला रुख होकर नमाज़ के इरादे के साथ अल्लाहू अकबर तकबीर कहें उसके बाद हाथ को नाफ़ के नीचे बांध लें

हाथ बांधने के बाद सना पढ़ें


सना 

सुबहानक -ल्लाहुम्मा व बि हमदिका व तबार कसमु का व त आला जद्दुक  व ला इलाह गरुक
तर्जुमा 
ऐ अल्लाह मैं तेरी पाकी बयान करता हूं और तेरी तारीफ करता हूं और तेरा नाम बरकत वाला है बुलंद है तेरी शान और नहीं तेरे सिवा कोई इबादत के लाइक इसके बाद तउज़ तसमिया पढ़ें

इसके बाद तव्वुज़ पढ़ें यानी

अऊज़ू बिल्लाही मिनश-शैतानि-र्रजीम & बिस्मिल्ला-हिर्रहमानिर्रहीम  

इसके बाद सूर्य फातिहा पढ़ें

सूरह फातिहा 

अल हम्दुलिल्लाही रब्बिल आलमीन

अर्रहमानिर्रहीम मालिकि यौ  मिद्दिन 

इय्याक नअबुदु व इय्याक नसतईन 

इहदिन स्सिरातल मुस्तकीम सिरा-तल्लाजीना अनअमत  अलैहिम 

गैरिल्-मगदूबि अलैहिम व ल-ज्जाल्लीन 

 اَلْفَاتِحَة ( مکیۃ)
اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ رَبِّ الْعٰلَمِیْنَ(1) الرَّحْمٰنِ الرَّحِیْمِ(2) مٰلِكِ یَوْمِ الدِّیْنِﭤ(3) اِیَّاكَ نَعْبُدُ وَ اِیَّاكَ نَسْتَعِیْنُﭤ(4) اِهْدِنَا الصِّرَاطَ الْمُسْتَقِیْمَ(5) صِرَاطَ الَّذِیْنَ اَنْعَمْتَ عَلَیْهِمْ ﴰ غَیْرِ الْمَغْضُوْبِ عَلَیْهِمْ وَ لَا الضَّآلِّیْنَ(7)

सूरह फातिहा के बाद कोई एक सूरह पढ़ें सूरह कौसर


उसके बाद सूरह फातिहा और कोई एक सूरत मिलाने के बाद

अल्ला हू अकबर कहते हुए रुक में जाएं
रुको मैं जाने के बाद अल्लाह की तस्वीह बयान करें
वह तस्वीह यह है

रुकु की तस्बीह 
सुबहान रब्बियल अजीम

उसके बाद ( समीअल्लाहु लिमन हमिदा ) कहते हुए रुकू से खड़े हो जाएं सीधे तरीके से

खड़े होने के बाद एक बार ( रब्बना लकल हम्द ) फिर ( अल्लाहु अकबर )

कहते हुए सजदे में जाए


सजदे की तस्वीर कुछ इस तरह है

सजदे की तस्बीह
सुबहान रब्बियल आला

पहला सजदा के बाद

फिर उसी तरह से दोसरी सजदा करें

दोनों सजदे करने के बाद यहाँ एक रकात नमाज़ मुकम्मल हो गई

दो रकात नमाज़ कैसे पढ़ें

दूसरी रकात सेम तरीके से पड़ेंगे जिस तरह से आपने पहली रकात पढ़ी इसमें कुछ भी बदलाव नहीं करेंगे पहली रकात में सूरह फातिहा पढ़ने के बाद जो आपने सूरत पढ़ी थी उस सूरत को ना पढ़कर अगले वाली सूरत को पढ़ें

जैसे- अगर आपने पहली रकात मे सूरह कौसर पढ़ा तो दोसारी रकात मे सूरह इख्लास पढ़ें

 

यह सब करने के बाद अगर आपको 2 रकात नमाज पढ़नी है तो तशहूद के लिए बैठ जाएंगे

और अत्तहियात पढ़ेंगे दरूद ए इब्राहिमी पढ़ें दुआ ए मासूरह पढ़ें


तीन रकात नमाज़ का तरीका 

दो रकात नमाज़ पढ़ने के बाद तशहूद मे सिर्फ अत्तहियात  पढ़ लें और फिर तीसरी रकात पढ़ने के लिए उठ कर खड़े हो जाएं इस रकात में सिर्फ सूरह फातिहा पढ़ें और रुकु के बाद दो सजदे करने के बाद तशहूद मे बैठे 

तशहूद उसी तरह से पढ़ें जैसे ऊपर सिखाया गया है और अत्तहियात , दरूद और दुआ ए मासूरह पढ़ने के बाद सलाम फेर दें | 


4 रकात नमाज पढ़ने का तरीका

दो रकात नमाज़ पढ़ने के बाद(4 rakaat namaz) में सिर्फ अत्तहियात पढ़ ले और फिर तीसरी रकात पढ़ने के लिए उठकर खड़े हो जाएं इस रकात में सिर्फ सूरह फातिहा पढ़ें रुकु के बाद दो सजदे करके चौथी रकात के लिए खड़े हो जाएं चौथी रकात भी वैसे ही पढ़ें जैसे तीसरी रकात पढ़ी गई है चौथी रकात पढ़ने के बाद तशहूद में बैठे, तशहूद उसी तरह से पढ़ें जैसे ऊपर बताया गया है अत्तहियात , दरूद और दुआ ए मासूरह पढ़ने के बाद सलाम फेर दें | 


औरतों की नमाज़ का तरीका

क्या औरतों की नमाज़ का तरीका मर्द से अलग है (Auraton ki namaz)

याद रहे औरतों और मर्दों की नमाज में कोई फर्क नहीं है रसूल अल्लाह सल्लल्लाहो वसल्लम ने फरमाया नमाज इसी तरह पढ़ो जिस तरह तुम मुझे नमाज पढ़ते हुए देखते हो सही बुखारी हदीस नंबर 231


यानी हूबहू मेरे तरीके के मुताबिक सब औरतें और सब मर्द नमाज़ पढ़े फिर अपनी तरह से यह हुक्म लगाना की औरत के सीने पर हाथ बांधे और मर्द जेरेनाफ़ और औरतें सजदा करते समय जमीन पर कोई और रूप इख्तियार करें और मर्द कोई और यह दिन में मुदाखिलत है


याद रखें कि तकबीर तहरिमा शुरू करके अल्लाहुम्मा अलैकुम व रहमतुल्लाही कहने तक औरतें और मर्दों के लिए एक है हैबत रूप और एक ही शक्ल की नमाज है सबका कयाम, रुकु,कौमा,सजदा, जल्सा, इस्तराहत काअदा, और हर हर मुकाम पर पढ़ने की पढ़ाई समान है रसूल अल्लाह सल्लल्लाहो सल्लम ने मर्द और औरतों की नमाज के तरीके में कोई फर्क नहीं बताया

 

नमाज की कुछ सूरतें

सलाम फेरने के बाद की दुआएं


सलाम फेरने के बाद आप यह दुआ पढ़े
एक बार ऊंची आवाज में अल्लाहू अकबर कहें
 फिर तीन बार अस्तगफिरूल्लाह कहें 
एक बार अल्लाहुम्मा अंतस्सलाम व मिनक्ससलाम तबारक्त या जल जलाली वल इकराम पढ़ें   
इसके बाद 33 मर्तबा सुबहान अल्लाह 33 मर्तबा अल हमदुलिल्ला और 33 मर्तबा अल्लाहू अकबर पढ़ें
आखिर में एक बार ला इलाहा इलल्लाहु वहदहू ला शरीक कलहू लहूल मुल्क वलहूल हम्द
वहुवा आला कुल्ले शैइन कदीर 
 
यह दुआ पढ़े फिर एक बार आयतुल कुर्सी पढ़ ले






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