मौत के वक्त ये 5 पाँच फ़रिश्ते आते हैं ? - maut ke waqt 5 farishte aakar kya kehte hain

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मौत के वक़्त ये 5 पाँच फ़रिश्ते आते हैं ? - maut ke waqt 5 farishte aakar kya kehte hain


 हुजूर सल्लल्लाहु ताला वसल्लम का फरमान इबरत  नीशान है कि जब आदमी पर नज़ा  का आलम तारी होता है

तो अल्लाह ताला उसकी तरफ पांच फ़रिश्ते भेजता है

maut ke ye 5 paanch frishte kab aur kaise aate hai


मौत के ये 5 पाँच फ़रिश्ते कब और कैसे आते हैं और मरने वाले से क्या कहते है और उस वक्त मरने वाले का अंजाम क्या होता है मौत सबको आनी है और सबके मौत के वक्त ये 5 फरिश्तों से मुलाकात होगी तो आज के इस आर्टिकल मे (maut ke waqt 5 farishte aakar kya kehte hain) मौत के वक्त ये 5 पाँच फ़रिश्ते आते हैं और क्या कहते हैं ।




maut ke waqt ka 1 farishta


  • पहला फ्रिश्ता उसके पास उस वक्त आता है जब उसकी रूह हलक यानि गले  तक पहुंच गई होती है वह फ्रिश्ता उसे पुकार कर कहता है ये इब्ने आदम तेरा ताकतवर बदन कहां गया आज तू कितना कमजोर है तेरी फसी जबान कहां गई आज तू कितनी खामोश है तेरे घर वाले और तेरे अज़ीज़ कहां गए तुझे किसने अकेला कर दिया तुझे लोग अंधेरी कब्र मे छोड़ कर कर चले गए  नाजरीन इकराम फिर जब उसकी रूह कब्ज कर ली जाती है और कफन पहना धुला दिया जाता है तो

maut ke waqt ka 2 farishta

  • दूसरा फरिश्ता उसके पास आता है और उसी पुकार कर कहता है ये  इब्न आदम तूने तंगदस्ती के खौफ से जो  माल और असबाब जमा किया था वह कहां गया तूने तबाही से बचने के लिए जो घर बनाए थे वह कहां गए तूने तन्हाई से बचने के लिए जो उंच तैयार किया था वह कहां गया फिर जब उसका जनाजा उठाया जाता है तो मौत का 

maut ke waqt ka 3 farishta

  • तीसरा फरिश्ता उसके पास आता है और उसे पुकार कर कहता है आज तू एक ऐसी लंबे सफर के लिए रवा दवा है जिससे लंबा सफर तूने आज से पहले कभी ते नहीं किया आज तू ऐसी कौम से मिलेगा कि आज से पहले कभी नहीं उनसे मिला आज तुझे ऐसी तंग मकान में दाखिल किया जाएगा कि आज से पहले कभी भी ऐसी तंग जगह में दाखिल नहीं हुआ था आज तुझे ऐसी अंधेरी घर अंधेरी मे दाखिल किया जाएगा की आज से पहले ऐसी अंधेरी घर मे न रहा हो  अगर तू अल्लाह की रजा पाने में कामयाब हो गया तुझे तेरी खुश बख्ती है और अगर अल्लाह ताला तुझसे नाराज हुआ तू यह तेरा बदबख़ती है फिर जब उसे क़ब्र में उतार दिया जाता है तो

maut ke waqt ka 4 farishta

  • चौथा फ्रिश्ता उसके पास आता है और उसे पुकार कर कहता है ये इब्ने आदम कल तक तू जमीन के पीठ पर चलता था और आज तू उसके अंदर लेता हुआ है कब तक तू इसके पीठ पर हंसता था और तू इसके अंदर रो रहा  है कल तू इसके पीठ पर गुनाह करता था और आज इसके अंदर नादिन और शर्मिंदा है फिर जब उसके क़ब्र पर मिट्टी डाल दी जाती है और उसके आहलो आयाल दोस्त और अहबाब उसे छोड़ कर चले जाते हैं तो

maut ke waqt ka 5 farishta

  • पांचवा फरिश्ता उसके पास आता है और उसे पुकार कर कहता है ये इब्न आदम वो लोग तुझे दफन करके चले गए अगर वो लोग तेरे पास ठहर भी जाते तो तुझे कोई फायदा ना पहुंचा पाते तूने माल जमा किया और उसे गैरों के लिए छोड़ दिया आज तो तुझे या तो जन्नत के अलि बागात की तरफ भेरा जाएगा या भड़कने आग में दाखिल किया जाएगा 


मेरे भाईयो - और बहनों :- जब तक हमारी सांसे चल रही हैं हमारे पास तौबा करने के लिए वक़्त है लेकिन किसी को नहीं पता कि उसकी सांस कब रुक जाए इस लिए हमें अल्लाह से अपने  तमाम गुनाहों से तौबा कर लेनी चाहिए अलग ताला अपने बंदों से 70 माओं से ज्यादा मोहब्बत करता है वो अपने बंदी के तौबा के इंतजार में बैठा है हमें तौबा देर नहीं करनी चाहिए केंकी क्या पता फिर तौबा के तौफीक मिले या ना मिले क्योंकि एक दिन ऐसा आने वाला है कि ये पांचों फ़रिश्ते हम से भी इसी तरह के बाते करेंगे इसी दुआ के साथ अपने आर्टिकल का एंडिग करते है कि अल्लाह ताला हमें मौत के सख्तियों से बचाए और हम सब की खतामा बिल इमान फरमाए उम्मीद करते हैं आर्टिकल आप को पसंद आई होगी आर्टिकल पसंद आने की सूरत में आर्टिकल को अपने तमाम दोस्तों के साथ शेयर जरुर कर दीजियेगा मिलते हैं फिर आपसे किसी प्यारी आर्टिकल के साथ तब के लिए अससलामु अलैकुम


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