namaz ka tarika in hindi

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namaz ka tarika in hindi  नमाज का मुकम्मल तरीक़ा हिंदी namaz ki niyat kaise kare namaz kaise sikhe

  • नमाज़े फज्र में 4 रकअत namaz fajar ki 

2 दो सुन्नत और दो फर्ज नियत कैसे करे?
नियत करने का तरीका _____ फज्र का 2 दो रकअत सुन्नत 

नियत की मैंने दो रकत नमाज़ फज्र की सुन्नत रसूलपाक के वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.

फज्र का 2 दो रेकाअत फर्ज
नियत की मैंने दो रकत नमाज़ फज्र की फर्ज अल्लाह तआला के वास्ते मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.

  • नमाज़े जुहर में कितनी रेकाअत है
टोटल 12 रेकाअत है 
4______________________ सुन्नत 
4________________________ फर्ज 
2______________________ सुन्नत 
2_______________________ नफिल
4 रेकाअत जोहर सुन्नत नियत 
नियत की मैंने चार रकत नमाज़ जुहर की सुन्नत रसूलपाक के वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.
रेकाअत नमाज़े जुहर की चार रकत फ़र्ज़ कि नियत
नियत की मैंने चार रकत नमाज़ जुहर की फज्र वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.
बाद नमाज़े जुहर की 2 दो रेकाअत सुन्नत कि नियत 
नियत की मैंने दो रकत नमाज़ जुहर की सुन्नत रसूलपाक के वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.
जुहर की दो रकत नफिल कि नियत 
नियत की मैंने दो रकत नमाज़ जुहर की नफिल वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर. 
नमाजे अस्र में कितनी रेकाअत है 
टोटल 8 आठ रेकाअत                          4 चार ______________________सुन्नत 
                                                           4 चार _______________________फर्ज 
 
अस्र की 4 चार रेकाअत सुन्नत की नियत 
नियत की मैंने चार रकत नमाज़ अस्र की सुन्नत रसूलपाक के वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.
अस्र की 4 चार रेकाअत फर्ज की नियत 
नियत की मैंने चार रकत नमाज़ अस्र की फर्ज वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.
मगरीब में कुल कितनी रेकाअत नमाज है
कूल 7 रेकाअत नमाज                              3 तीन __________________________ फर्ज   
                                                                2 दो ___________________________सुन्नत
                                                                2 दो ___________________________ नफील                      



मगरिब की तीन 
रेकाअत  फर्ज
नियत की मैंने तीन रकत नमाज़ मगरिब की फर्ज वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.
मगरिब की दो रेकाअत  सुन्नत:-
नियत की मैंने दो रकत नमाज़ मगरिब की सुन्नत रसूलपाक के वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.
तारिकाएं नमाज़ हिंदी
ईशा की चार रेकाअत सुन्नत:- 
नियत की मैंने चार रकत नमाज़ ईशा की सुन्नत रसूलपाक के फर्ज से पहले वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.
ईशा की चार रेकाअत  फर्ज:-
नियत की मैंने चार रकत नमाज़ ईशा की फर्ज वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.
बाद ईशा दो रेकाअत  सुन्नत:-
नियत की मैंने दो रकत नमाज़ ईशा की सुन्नत रसूलपाक के फर्ज के बाद वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.
वित्र की तीन रेकाअत वाजिब:-
नियत की मैंने तीन रकत नमाज़ वित्र की वाजिब वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.
मस्जिद में दाखिल होने की दो रेकाअत सुन्नत:-
नियत की मैंने दो रकत नमाज़ मस्जिद में दाखिल होने की सुन्नत रसूलपाक के वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.
रकअत ए नमाज़ हिंदी में
जमअ: से पहले की चार रेकाअत सुन्नत:-
नियत की मैंने दो रकत नमाज़ जमअ: से पहले सुन्नत रसूलपाक के वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.
जमअ: की दो रेकाअत  फर्ज:-
नियत की मैंने दो रकत नमाज़ जमअ: की फर्ज वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर.
बाद जमअ: चार रेकाअत  सुन्नत:-
नियत की मैंने दो रकत नमाज़ बाद जमअ: रसूलपाक के वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काअबा शरीफ के तरफ अल्लाहु अकबर. 
नमाज़ का सही तरीका हिंदी भाषा में

Namaz ka tarika : सबसे पहले आप तकबीर यानि के अल्लाहु अकबर बोलते हुवे अपने दोनों हांथो को अपने नाभ के निचे बांध लीजिये याद रहे कभी भी बायां हाँथ निचे होना चाहिए और दाहिना हाँथ ऊपर आप अपने बाएं हांथो को बिलकुल खुला रखें और अपने दाहिने हांथो के पंजो को बाएं हांथो के गट्टे पर रख लें आपकी दाहिने हांथो की तीन उंगलिया खुली होने चाहिए|

नियत बाँधने के बाद अब तस्बीह सुबहा न क … पढ़ें उसके बाद तअउवुज (आऊजुबिल्लाह) और उसके बाद तस्मिया (बिस्मिल्लाह) पढ़ें फिर उसके बाद सूरेह फातिहा पढ़ें यानि के अलहमदू लिल्लाह पढ़े उसके बाद कोई सा भी सुरह जैसे कुल या और कोई सा भी पढ़े|

आपका सुरह जब पूरा हो जाए उसके बाद आपको तकबीर कहते हुवे रुकू के लिए झुक जाइये रुकूअ में आप अपने दोनों हथेलियों को घुटनो पर मजबूती से पकड़िए अपने पिण्डुलियों को सीधी कड़ी रखिये दोनों कुहनियों को भी सीधे रखिये कमर को फैलाएं अपने सर को कमर के सीधे में रखिये और नजर को अपने पैरों पर रखिये – उसके बाद तीन बार आप तस्बीह सुबहा-न रब्बियल अजीम पढ़ें|

कौमा. फिर उसके बाद समीअल्लाहु लिमन हमीदह बोलते हुवे आप खड़े हो जाएँ और फिर रब्बना लकल हम्द बोलिये फिर आप तकबीर कहते हुवे सजदे के लिए झुकिए सबसे पहले आप जमीन पर अपने दोनों घुटने को रखिये फिर दोनों हांथों को रखिये फिर अपने माथे को जमीन पर रखें आपका नाक जमीन में लगा होना चाहिए किसी भी नमाज़ी को सजदा के दौरान माथे को जमीन पर रखना जरुरी है नहीं तो आपका नमाज नहीं होगा|

Namaz ka tarika हिंदी भाषा में

Namaz Ka Tarika उसके बाद आप तकबीर बोलते हुवे दोनों जानिब बैठ जाएँ बैठने के लिए आप घुटने को मोड़ कर पहले आप अपना बायां पैर को जमीन पर बिछा लीजिये उसके बाद अपने दाहिने पैर के पंजे की उँगलियों पर बैठ जाईये और अपने दोनों हांथो को अपने पैरों के दोनों घुटने के ऊपर रख लीजिये और हांथो के उँगलियों को क़िबला के तरफ ही रखें आधे मिंट के बाद यानि के आराम से बैठ जाने के बाद आप अपने दूसरे सजदे को मुकम्मल कीजिये तकबीर को बोलते हुवे आप सजदे में जाईये और फिर सुबहा-न रब्बिल अअ ला पढ़ें|

उसके बाद तकबीर को बोलते हुवे आप सीधे खड़े हो जाईये सजदे से उठने या खड़े होने का बेहतर तरीका यह है की सबसे पहले आप अपनी पेशानी को जमीन से उठाइये फिर अपने दोनों हांथो को उठा कर अपने दोनों घुटने पर रखिये उस के बाद सीधे खड़े हो जाइये .. अब आपकी पहली रकअत नमाज़ मुकम्मल हो चूका है इसी तरह आपको दूसरी रकअत को पूरा करना है|

दूसरे रकअत में आप सबसे पहले सुरह फातिहा पढ़ें उसके बाद आप कोई सा भी सुरह पढ़ें लेकिन आपको इस बात का ध्यान रखना होगा की दूसरे रकअत में पढ़ा जाने वाला सुरह पहली रकअत इ पढ़ी जाने वाली सुरह से बड़ी न हो यानि के दूसरी रकअत की सुरह पहली रकअत के सुरह से छोटा होना चाहिए|

अब सलाम फेरें पहले दाहिने जानिब

फिर आप सलाम यानी के (अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह) कहते हुवे अपनी दाहिने तरफ अपने सर को मोड़िये फिर दुबारा उसी तरह अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह बोलते हुवे अपनी सर को बाए तरफ मोड़ें अब आपकी नमाज़ मुकम्मल हो चूका है उसके बाद दुआ पढ़िए …अल्लाहुम-म-अंतसलामु आप और भी दुआ मांग सकते है|

इसी तरह आप 3  4 रकत की नमाज़ को भी पढ़ सकते है नमाज़ पढ़ने के लिए सबसे जरुरी बात यह की आपको कुछ क़ुरआन शरीफ की सुरह को याद करना होगा|


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