इस्लाम की बुनियाद | Islam Ki Buniyad Kya kya Hai
इस्लाम की बुनियाद, यानी उसकी मूल आधारशिला, कुरान और हदीस के प्रमुख तत्वों पर टिका हुआ है। यहां पर मैं आपको इस्लाम की मूल आधारशिला के कुछ प्रमुख तत्व बताता हूँ:
दोस्तों आइए इस्लाम की बुनियाद को जानते हैं
1. तौहीद "Tauheed" (एक परमेश्वर): इस्लाम का मूल तत्व तौहीद है, जिसमें विश्वास किया जाता है कि सिर्फ़ एक ही परमेश्वर है, और किसी भी तरह की शिर्क या पॉलीथिज़्म को माना जाता है। इस्लाम में अल्लाह (या अल्लाह) केवल एक परमेश्वर है और उसके अलावा कोई और माबूद नहीं है।
2. रिसालत (नबी की महिमा): इस्लाम में विश्वास किया जाता है कि अल्लाह ने अनेक नबी और रसूल भेजे हैं, जिनमें सबसे आख़िरी और मुख्य नबी मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) हैं। कुरान उनकी वही है और हदीस उनकी सुन्नत को दर्शाती है।
3. कुरान (धार्मिक ग्रंथ): कुरान इस्लाम की पवित्र पुस्तक है। माना जाता है कि यह अल्लाह की सीधी वही है, जो नबी मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के ज़र
िए उन्हें मिला। कुरान को पूरी तरह समझना और उसकी मर्यादाओं पर अमल करना मुसलमानों के लिए ज़रूरी है।
4. सलाह "Namaz" (नमाज़): सलाह, यानी नमाज़, इस्लाम का एक मुख्य आध्यात्मिक कर्तव्य है। मुसलमानों को पाँच वक़्त की नमाज़ पढ़नी होती है, जो उनको अल्लाह की इबादत, स्मरण और संयम के लिए याद दिलाती है। नमाज़ एक समर्पण और संबंध की प्रक्रिया है।
5. ज़कात "Zakat"(सामाजिक दायित्व): ज़कात, यानी सामाजिक चंदा, इस्लाम में एक सामाजिक दायित्व है। मुसलमानों को अपने सरप्लस धन का एक हिस्सा सामाजिक सहायता के लिए देना होता है। ज़कात मासिक आय के हिसाब से और नियत के साथ दी जाती है।
6. रोज़ा "Roza"(उपवास): रोज़ा, यानी उपवास, एक महीने तक रोज़ेदार रहने का कर्तव्य है, जो रमज़ान नामक महीने में मनाया जाता है। रोज़ेदार को सुबह से शाम तक खाने, पीने और व्यभिचारिक कार्यों से परहेज़ रखना होता है। रोज़ा धार्मिक शुद्धि, तपस्या और
अंतरंग विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
इस्लाम की बुनियाद पर यहां उपरोक्त छह प्रमुख तत्वों का उल्लेख किया गया है, जो इस्लाम की मूल पहचान हैं।