सूरह फातेहा: खुदा की बड़ी महिमा और प्रार्थना | surah fatiha ka mukammal matlab

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सूरह फातेहा: खुदा की बड़ी महिमा और प्रार्थना | surah fatiha ka mukammal matlab 



 सूरह फातेहा का नाज़िल होने का सबसे प्रमुख कारण यह है कि यह कुरान-ए-पाक का सबसे पहला सूरह है। यह कुरान के मुख्य भाग का आरंभ है और इसे मुस्लिम धर्म में विशेष महत्व दिया जाता है।


सूरह फातेहा को पूरे कुरान का मानचित्र माना जाता है और इसे उम्मत-ए-मुस्लिमा की रूहानीता, आत्मिकता और आदर्शों को प्रकट करने के लिए एक मार्गदर्शक माना जाता है। इसे पढ़ने से पूजा, अध्ययन और अभिनय की परंपरा का आदर्श दिखता है।


इसके अलावा, सूरह फातेहा में प्रशंसा, पुनरावृत्ति, पूर्णता, आत्मविश्वास और दया के गुणों का प्रशंसापूर्ण वर्णन होता है। यह सूरह धार्मिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास को प्रोत्साहित करती है और व्यक्ति को अपने जीवन में ईश्वरीय दिशा देती है।


سورة الفاتحة यानी "फातेहा" सूरह, कुरान में सबसे पहली सूरह है और इसे मुस्लिम धर्म में बहुत महत्व दिया जाता है। इसका हिंदी में मुकाम्मल मतलब निम्नलिखित है:


1. बिस्मिल्लाहिर रह्मानिर रहीम: अल्लाह के नाम से जो दयालु और कृपाशील है।


2. अल्हमदु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन: पृथ्वी के सब स्त्रोतों के प्रभु के लिए हम सब प्रशंसा करते हैं।


3. अर-रह्मानिर रहीम: जो दयालु और कृपाशील है।


4. मालिकि यौमिद दीन: जब दिन के मालिक होंगे।


5. इय्याका ना'बुदू व इय्याका नस्त'ईन: हम तेरी ही पूजा करते हैं और तेरी ही मदद मांगते हैं।


6. इह्दिनास-सिरात'ल-मुस्तकीम: हमें सीधा रास्ता दिखा।


7. सिरात'ल-लजीना अनअ'मत'अलैहिम गैरिल मग़दूबि अलैहिम व लाद़वाल्लीन: उन लोगों के रास्ते पर जिन पर तूने अपना अनुग्रह किया है, जो तेरे कोप के पात्र नहीं हैं और जो गुमराह नहीं हुए हैं।


फातेहा सूरह एक प्रार्थना और तारीफ़


 का संक्षेप है, जिसे मुस्लिम लोग रोज़ाना अदा करते हैं और इसे विभिन्न आयातों की तर्ज़ पर मन्त्रमुग्ध रूप से स्मरण करते हैं। यह सूरह अपने पाठकों को अल्लाह के विशेष गुणों के साथ अवगत कराती है और उन्हें एक सीधा रास्ता दिखाती है जो उन्हें सफलता और खुशहाली की ओर ले जाता है।

सूरह फातेहा के पढ़ने और समझने के कई फायदे हैं। यहां कुछ मुख्य फायदे हैं जो हिंदी में हैं:


1. आत्मिक शांति: सूरह फातेहा का पाठ करने से मन और आत्मा को शांति मिलती है। इसके माध्यम से ध्यान केंद्रित होता है और चिंताओं से मुक्ति मिलती है।


2. बुराइयों से मुक्ति: सूरह फातेहा में अज्ञानता, दुःख, भ्रम और अन्य बुराइयों से मुक्ति के लिए दुआ है। इसे पठने से अधिकारियों, नकारात्मकताओं और परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है।


3. दैनिक दिशा-निर्देश: सूरह फातेहा में अल्लाह से रास्ता दिखाने की विनती है। इसके पठन से व्यक्ति अपने जीवन में सही राह प्राप्त कर सकता है और सही निर्णय ले सकता है।


4. मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य: सूरह फातेहा का पढ़ने करने से अवगति बढ़ती है और मानसिक शक्ति में सुधार होती है। इसका प्रभाव शारीरिक स्वास्थ्य पर भी होता है, क्योंकि यह तनाव को कम करता है और मानसिक स्थिरता प्रदान करता है।


5. आत्मविश और सफलता: सूरह फातेहा पठने से आत्मविश्वास बढ़ता है और सफलता की प्राप्ति में सहायता मिलती है। इसका पठन ध्येय की प्राप्ति, संपन्नता और सच्ची खुशियों की ओर ले जाता है।


ये कुछ मुख्य फायदे हैं जो सूरह फातेहा के पठन से हासिल हो सकते हैं। यह सूरह एक प्रार्थना है और अच्छे कर्म, सत्य, उच्च मूल्यों और सही मार्ग के आदर्शों को प्रभावित करती है।

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