तकलीफ के वक्त क्या पढ़े || Takleef Ke Waqt Kya Padhe- वाह क्या दुआ है पहले बताया होता

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तकलीफ के वक्त क्या पढ़े  || Takleef Ke Waqt Kya Padhe- वाह क्या दुआ है पहले बताया होता 

इस पोस्ट में बहुत खूबसूरत सूरत बातें बताई गईं हैं 

पोस्ट को पूरा ज़रूर पढ़ें!

इब्ने अब्बास रजि अल्लाह ताला अन्हा सिर्फ आए थे कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो ताला वसल्लम

तकलीफ के वक्त में यह दुआ पढ़ा करते थे

ला इलाह इल_ लल्लाहू रब्बू - स्समावाते व रब्बुल अर्ज़

व रब्बुल अर्शिल करीम°

सहीह बुखारी मुस्लिम




हजरत अब्दुल्लाह बिन अब्बास रजि अल्लाह ताला अन्हा कहते हैं कि


नबी करीम सल्लल्लाहो ताला वसल्लम ने फरमाया

तुम्हारे लिए यही गुनाह काफी है कि तुम हमेशा झगड़ते रहो-

तिरमिज़ी शरीफ़ 1994




रसूलल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया

हमारी और काफिरों के दरमियान फर्क नमाज है जिसने नमाज छोड़ दी उसने कुफ्र किया

मुसलमान और कुफरी सिर्फ के दरमियान फर्क नमाज है

तिरमिज़ी शरीफ़ 2113

रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो वसल्लम ने फरमाया अल्लाह ताला ने इरशाद फरमाया

मैंने अपनी नेक बंधुओं के लिए वह कुछ तैयार कर रखा है किसी ना किसी आंख ने देखा है ना किसी कान ने सुना है और ना किसी के दिल में उसका ख्याल तक गुजरा है



एक से ज्यादा बीवियां और उनके हुकूक

अबू हुरैरा रे चल रहा हूं ताला अन्हा कहते हैं कि नबी करीम सल्लल्लाहू वसल्लम ने फरमाया

जिसकी दो बीवियां हो और वह एक के मुकाबले दूसरी तरफ ज्यादा ध्यान रखें तो कयामत के दिन वह इस तरह आएगा कि उसका एक पहलू झुका हुआ होगा

 दुआ के बाद जल्दबाजी ना करें

रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो ताला वसल्लम ने फरमाया

तुम इसे हर एक की दुआ कबूल कर जाती है जब तक कि वह जल्दबाजी से काम नहीं देता और यह कहीं नहीं लगता कि मैंने तो दुआ मांगी लेकिन मेरी दुआ कुबूल ही नहीं हुई

हदीस अबू दाऊद 1484

रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो ताला वसल्लम ने फरमाया

कुरआन पढ़ी क्योंकि कयामत के दिन यह अपने पढ़ने वाले का सिफारिश बन कर आएगा

सहिह मुस्लिम

आप सल्ला वसल्लम ने फरमाया

अपनी जबान को अल्लाह के जिक्र से तर रखा करो


अगर तुमको टुकड़े-टुकड़े कर दिया जाए फिर भी शक ना करना

सिर्फ एक बहुत बड़ा गुनाह है जिसे अल्लाह ताला कभी माफ नहीं करेगा

किसी का नेकी करते वक्त बदले की उम्मीद ना रखो !

क्योंकि अच्छाई का बदला इंसान नहीं अल्लाह देता है

आप सल्ला वसल्लम ने फरमाया

अगर झुक जाने यानी आजिज़ी इख्तियार  करने से

तुम्हारी इज्जत घट जाए तो कयामत के दिन मुझसे ले लेना


करो सोने के सौ टुकड़े तो कीमत कम नहीं होती

बुजुर्गों की दवा लेने से इज्जत कम नहीं होती

जरूरतमंद को दहलीज से खाली ना लौट आओ

अल्लाह के नाम पर देने से दौलत कम नहीं होती


कबूलियत का यकीन रखो

नबी करीम सल्लल्लाहो वाले वसल्लम ने इरशाद फरमाया

तुम अल्लाह ताला से ऐसी हालत में दुआ किया करो कि तुम कुबूल है का यकीन रखा करो और यह जान रखो कि अल्लाह ताला गफलत से भरे दिल से दुआ कबूल नहीं करता

तिर्मीजी

दुनिया का सबसे खूबसूरत पौधा मोहब्बत का होता है जो जमीन में नहीं बल्कि दिलों में उगता है

हजरत अली

हजरत अबू दाऊद रजि अल्लाह ताला अन्ह से मर्वी है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो ताला वसल्लम ने फरमाया




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