Tahajjud ki namaz ka tarika in Hindi

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नमाजे तहज्जूद पढ़ने का तरीका क्या है

Tahajjud ki namaz ka tarika in Hindi Tahajjud ki namaz ke fayde. और Tahajjud ki Namaz ki niyat Kaise kare in hindi namaz ka waqt

 मैं आपका खुशामदीद करता हूं  आज के इसअआर्टिकल में हम जाने वाले हैं कि नमाजे तहज्जूद पढ़ने का तरीका क्या है ताज्जुब की नमाज का वक्त क्या है तहज्जुद की नियत का तरीका क्या है कितनी सुरते पढी जाती है इन सबके बारे में आज हम बात करने वाले हैं

tahajjud namaz ka tarika 

 

हदीसों से मालूम होता है कि रात के आखिरी हिस्से में अल्लाह ताला अपने पूरे लूत्फ कर्म और अपने खास शाने रहमत  के साथ अपने बंदो की तरफ मुतावाज्जः  होता है और जिन बंदो को अल्लाह ने इस बात का कुछ अक़्ल व शउर  बख्शा है तो वह इस मुबारक वक्त में तहज्जूद की नमाज अदा करते हैं और इसी लिए वह बिस्तरो को छोड़ देते हैं और शैतान के किये कराए पर पानी फिर कर वजू करके अल्लाह के सामने हाथ बान्द कर खड़े हो जाते हैं और इस मुबारक वक़्त में अल्लाह के सामने रुकूअ करते हैं और सजदा करते हैं और अपने गुनाहों पर रोते हैं और अपनी माग्फिरात कि तलब करते है जिसका नतीजा यह होता है कि अल्लाह ऐसे लोगों के चेहरे पर एक खास किस्म का नूर अता फरमा लेता है

  •  तहज्जुद की नमाज का वक्त

 आधी रात के बाद सो कर उठने से लेकर सुबह सादिक तक होता है अगर आप इसमें 1 मिनट सोते हैं या 1 घंटा सोते हैं लेकिन सोना बहुत ही जरूरी होता है अगर आप सोकर नमाजे पढते है तो आपको ज्यादा सवाब मिलता है और ज्यादा अफजल येह है कि एक निंद जरूर ले उसके बाद नमाजे तहज्जूद पढे   इसको अगर आसानी से समझे तो जो वक्त आपके यहां शहरी खत्म होने का होता है बस उससे पहले एक घंटा सबसे अच्छा  है कि उसमें तहज्जूद की नमाज पढ़ी जाए अल्लाह की इबादत की जाए और यह रात का तिहाई हिस्सा होता है 

  • तहज्जुद  नमाज की नियत कैसे करें 

नियत करने का तरीका क्या है नमाजे तहज्जूद नफ्ल नमाज है  इसीलिए दो रकअत नमाज़ तहज्जुद की नियत करें जैसे नियत करता हूं मैं दो रेकआत नफ्ल नमाज तहज्जूद वास्ते अल्लाह ताला के रुख मेरा काअबा शरीफ के अल्लाहू अकबर कहकर हाथ बांधे कितनी रकात तहज्जूद में पढे   कम से कम दो रकात और औसतन 8 आठ और ज्यादा से ज्यादा 12 बारह पढी जाती हैहमारे नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की आदते  मुबारक का आठ रकात पढ़ने की थी और कभी-कभार 12 बारह  भी पढ़ लेते थे लेकिन आम आदत आठ रेकआत थी तो इसीलिए आप ज्यादा से ज्यादा 12 बारह पढ  सकते हैं और कम से कम दो रेकआत पढ सकते हैं और 

मसला यह है :-

कि अगर कोई शख्स तहज्जूद कि नमाज पढ रहा हो और पड़ते में ही फज्र की आजान हो जाए या किसी और तरह से पता चले कि सुबह-सुबह सादिक़ हो गई है तो ऐसी में  अपनी नमाज पूरी मुकम्मल कर ले तरह दूर

  •  तहज्जूद नमाज में कौनसी सुरह पढे 

 किसी भी नमाज के लिए कोई खास सुरह तय नहीं है आप क़ुरान की कोई भी सुरह कोई भी आयत को पढ़ सकते हैं अगर कोई बड़ी आयात हो तो ३ तीन आयतो के बराबर पढे  और अगर आपको छोटी सुरत याद है तो आप छोटी सूरत से भी बढ़ सकते है

  •  अब सवाल यह उठता है 

कि तहज्जूद के नमाज के लिए थोड़ी देर सोना जरूरी है नहीं  बिल्कुल जरूरी नहीं है हां अफ़ज़ल और बेहतर यही है कि नमाजे तहज्जूद के सोना जरुरी है अगर आप रात भर जागे हैं और सोच रहे हैं कि तहज्जूद पढ़ले तो बगैर कोई शक के आप अल्लाह की इबादत यानी तहज्जूद के नमाज में लाग जाइये 

 तो आज के इस आर्टिकल में यही तक उम्मीद करता हूं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा अगर आपको पसंद आया तो अपने दोस्तो के साथ शेयर जरूर करें और साथ में  अगर आपके पास कोई सवाल तो कमेंट बॉक्स में जरूर लिखिए आपका जो कमेंट मैं आपको कॉमेण्ट का इंतजार करता हुं 

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