जमीन व आसमान कैसे और कौन बनाया | The Big Bang - quran 21:30

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जमीन व आसमान कैसे और कौन बनाया | The Big Bang - quran 21:30
أَوَلَمْ يَرَ ٱلَّذِينَ كَفَرُوٓا۟ أَنَّ ٱلسَّمَـٰوَٰتِ وَٱلْأَرْضَ كَانَتَا رَتْقًۭا فَفَتَقْنَـٰهُمَا ۖ وَجَعَلْنَا مِنَ ٱلْمَآءِ كُلَّ شَىْءٍ حَىٍّ ۖ أَفَلَا يُؤْمِنُونَ ٣٠क्या काफिरों ने ये खेयाल न किया की आसमान और जमीन मिले हुए थे तो हम ने तो हम ने उन्हे खोल
दिया और हम ने हर जानदार चीज़ पानी से बनाई तो क्या वो ईमान नहीं लाएंगे (quran 21 : 30)

इस आर्टिकल में the big bang के बारे में बात करेंगे

कुरआन में इस का जिक्र कुछ इस तरह मिलता है  

 क्या काफिरों ने ये खेयाल न किया  
أَوَلَمْ يَرَ ٱلَّذِينَ كَفَرُوٓا۟  क्या काफिरों ने ये खेयाल न किया
इस आयात में अल्लाह ताला की शाने कुदरत और शाने तखलीक का बयान है और उसी में अकिदे शिर्क की तरदीद भी है की जब उन चीजों की तखलीक में अल्लाह ताला का कोई शरीक नहीं तो इबादत में उसका कोई शरीक कैसे हो सकता है चुनचाह इरशाद फरमाया की क्या काफिरों ने इस बात पर गौर नहीं किया की आसमान और जमीन मिले होय थे हम ने उन्हे खोल दिया और हम ने हर जानदार चीज़ पानी से पैदा फरमाया तो उन रोशन निशानियों के बावजूद क्या मुशरीकिन ईमान नहीं लाएंगे

  जमीन व आसमान मिले हुए से क्या मतलब 

zameen vo aamsan mile huye se kya murad hai -

इस आयात में फरमाया गया की आसमान और जमीन मिले हुए थे इससे एक मुराद तो ये है की एक दोसरे से मिला हुआ था उन में फसल व जुदाई पैदा करके उन्हे खोला गया
दोसरा माअना ये है की आसमान इस तौर बंद था की इस से बारिश नहीं होती थी और जमीन इस तौर बंद थी की इससे नाबातात पैदा नहीं हो ती थी 
तो आसमान का खोलना ये है की उससे बारिश होने लगी और जमीन का खोलना ये है की उस से सबज़ह पैदा होने लगा 
इस माअना की ताइयद इस रिवायत से भी होती है चुनांचाह हलितूल् औलिया में है की एक शख्स हज़रत अब्दुल्लाह बिन उमर (र अ ) के पास आया और आसमान व जमीन के बारे अल्लाह ताला के उस इस फरमान (رَتْقًۭا فَفَتَقْنَـٰهُمَا ) के मुत्अलीक पुछा तो उन्हों ने फरमाया की हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास (र अ ) के पास जाओ और उनसे पुछ लो फिर जो वो जवाब दे मुझे भी बताना वो शख्स हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास (र अ ) के पास गया और उनसे यही सवाल किया उन्होंने फरमाया हाँ आसमान मिला हुआ था उससे बारिश नहीं होती थी और जमीन भी मिली हुई थी कोई चीज़ न उगाती थी फिर जब अल्लाह ताला ने जमीन पर मखलुक को पैदा किया तो आसमान को बारिश के साथ और जमीन को नाबातात के साथ फाड़ दिया वो शख्स हज़रत अब्दुल्लाह बिन उमर के पास वापस आया और उन्हे हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास(र अ )का जवाब सुनाया तो हज़रत अब्दुल्लाह बिन उमर (र अ) ने फरमाया बेशक हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास (र अ ) को इल्म अता किया गया है उन्होंने सच और सही फरमाया है 
हर चीज़ पानी से बनाने से क्या मतलब है 

har chez pani se banane se kya murad hai 
  وَجَعَلْنَا مِنَ ٱلْمَآءِ كُلَّ شَىْءٍ حَىٍّ और हमने हर जानदार चीज़ पानी से बनाई 

{  और हमने हर जानदार चीज़ पानी से बनाई : हर चीज़ पानी से बनाने से क्या मुराद है इसके बारे में मुफ़ससीरीन के मुखतलीफ़ अकवाल हैं 
1. इससे मुराद ये है की अल्लाह ताला ने पानी को जानदारों हयात का सबब बनाया है 
2. इसके माअना ये है की हर जानदार पानी से पैदा किया हुआ है 
3. पानी से नूतफ़ा मुराद है  
}
 أَفَلَا يُؤْمِنُونَ तो क्या वो ईमान नहीं लाएंगे
{   तो क्या वो ईमान नहीं लाएंगे } इससे मुराद ये है की क्या वो ऐसा नहीं करेंगे की उन दलाइल में गौरो फिक्र करें और इस के जरिए उस खालिक को जान लें जिसका कोई शरीक नहीं और शिर्क का तरीका छोड़ कर अल्लाह ताल पर ईमान ले आयें 

इस आयात मुबारका को सामने रखते हुए मौजूदा दौर के तमाम सेकुलर मुफक्किरीन को चाहिए की वो उन दलाइल में गौरो फिक्र करें जो खुदा के मौजूद होने पर दलालत करते हैं और खुदा के मौजूद न होने का नजरिया छोड़ कर उस खुदा पर ईमान ले आयें जो इस कायनात को पैदा करने वाला और उस के निजाम को चलाने वाला है 

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